December 6, 2024

जेल परिसर में बंदियों के जीवन उत्थान हेतु कार्यक्रम

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छतरपुर, म.प्र

जेल को बंदीगृह नहीं बल्कि सुधार गृह समझे – बीके रमा

जेल परिसर में बंदियों के जीवन उत्थान हेतु कार्यक्रम

व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों से होती है, इसलिए जो हो गया सो हो गया लेकिन आगे से हम श्रेष्ठ करने की स्वयं से प्रतिज्ञा करे और अपने जीवन को परिवर्तन करने का लक्ष्य रखे, इसे बंदीगृह नहीं बल्कि सुधार गृह समझे | उक्त विचार ब्रह्माकुमारीज़ छतरपुर द्वारा जिला जेल परिसर में बंदी भाई बहनों के जीवन उत्थान के लिए आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय ब्रह्माकुमारिज़ की सेवाकेंद्र प्रभारी बीके रमा ने व्यक्त किया |

कार्यक्रम में आगे बीके सुमन ने व्यसन से मुक्ति के तरीके बताते हुए कहा की नशा ही हमे गलत कार्यों की तरफ ले जाता है, इसलिए हमे किसी भी तरीके का नशा नहीं करना चाहिए | बीके कल्पना के द्वारा विभिन्न प्रकार की शिक्षाप्रद एक्टिविटी कराई गई जिसमें बंदी भाई बहनों ने भी भाग लिया, अवसर पर लगभग 450 बंदियों सहित जेलर भ्राता रामशिरोमणि पाण्डेय एवं समस्त जेल स्टाफ सम्मिलित हुआ, ब्रह्माकुमारीज़ से बीके मोहनी, बीके अर्चना एवं खेल विभाग के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर धीरज चौबे मौजूद रहे |

कार्यक्रम के अंत में सभी को प्रभु प्रसाद से मुख मीठा कराया और ईश्वरीय साहित्य भेट स्वरुप प्रदान की गई | सभी बंदियों के चेहरे पर ख़ुशी की झलक दिखाई दी और बंदियों से जेल परिसर में ईश्वरीय ज्ञान सुनाने की अपील की एवं जेलर पाण्डेय जी ने कार्यक्रम के लिए बहनों का धन्यवाद प्रकट किया |

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